श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी , हे नाथ नारायण वासुदेव
एक मात स्वामी ,सखा हमारे
हे नाथ नारायण वासुदेव
बन्दीगृह के तुम अवतारी
कही जन्मे , कही पले मुरारी
किसी के जायें , किसी के खाये
है अदभूत हर बात तुम्हारी
गोकुल में चमके मथुरा के तारे
हे नाथ नारायण वासुदेव
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी , हे नाथ नारायण वासुदेव
अधर पे बांसी ह्रदय में राधे
बट गये दोनों में आधे-आधे
हे राधे नागर हे भक्त वत्सल
सदैव भक्तों के काम साध
वहीँ गए जहाँ गए पुकारे
हे नाथ नारायण वासुदेव
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी , हे नाथ नारायण वासुदेव। ..
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