1. योग का प्रयोग शारीरिक , मानसिक और आध्यत्मिक लाभों के लिए हमेशा से होता
रहा है l आज की चिकित्सा शोधों ने ये साबित कर दिया है की योग शारीरिक और
मानसिक रूप से मानवजाति के लिए वरदान है |
2. जहाँ जिम आदि से शरीर के किसी खास अंग का ही व्यायाम होता है वहीँ योग से
शरीर के समस्त अंग प्रत्यंगों,ग्रंथियों का व्यायाम होता है जिससे अंग
प्रत्यंग सुचारू रूप से कार्य करने लगते हैं |
3. योगाभ्यास से रोगों से लड़ने की शक्ति बढती है | बुढ़ापे में भी स्फूर्तिवान बने रह
सकते हैं त्वचा पर चमक आती है शरीर स्वस्थ,निरोग और बलवान बनता है |
4. जहाँ एक तरफ योगासन मांस पेशियों को पुष्टता प्रदान करते हैं जिससे दुबला
पतला व्यक्ति भी ताकतवर और बलवान बन जाता है वहीँ दूसरी ओर योग के नित्य
अभ्यास से शरीर से मोटापा (फैट) कम भी हो जाता है इस तरह योग कृष और स्थूल दोनों के
लिए फायदेमंद है |
5. योगासनों के नित्य अभ्यास से मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम होता है | जिससे
तनाव दूर होकर अच्छी नींद आती है, भूख अच्छी लगती है, पाचन सही रहता है|
6. प्राणायाम एवं ध्यान भी योगासनों की तरह
शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हैं, प्राणायाम के द्वारा श्वास प्रश्वास की गति
पर नियंत्रण होता है जिससे श्वसन संस्थान सम्बन्धित रोगों में बहुत फायदा
मिलता है | दमा, एलर्जी, साइनोसाइटिस,पुराना नजला, जुकाम आदि रोगों में तो
प्राणायाम बहुत फायदेमंद है ही साथ ही इससे फेफड़ों की ऑक्सीजन ग्रहण करने
की क्षमता बढ़ जाती है जिससे शरीर की कोशिकाओं को ज्यादा ऑक्सीजन मिलने लगती
है जिसका पूरे शरीर पर सकारात्मक असर पड़ता है |
7. साथ ही ध्यान भी योग का अतिमहत्वपूर्ण अंग है | आजकल ध्यान यानि
मेडिटेशन का प्रचार हमारे देश से भी ज्यादा विदेशों में हो रहा है आज की
भौतिकता वादी संस्कृति में दिन रात भाग दौड़, काम का दबाव, रिश्तो में
अविश्वास आदि के कारण तनाव बहुत बढ़ गया है | ध्यान से मानसिक तनाव दूर होकर गहन आत्मिक शांति
महसूस होती है, कार्य शक्ति बढती है ,नींद अच्छी आती है | मन की एकाग्रता
एवं धारणा शक्ति बढती है|
8. योग से ब्लड शुगर का लेवल घटता
है और ये बैड कोलेस्ट्रोल को भी कम करता है। डायबिटीज रोगियों के
लिए योग बेहद फायदेमंद है।
9. कुछ अध्यनों में पाया गया है
कि कुछ योगासनो और मैडिटेशन के द्वारा आर्थराइटिस, बैक पेन आदि दर्द में
काफी सुधार होता है और दवा जी ज़रुरत कम होती जाती है।
10. योग
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है और दवाओं पर आपकी निर्भरता को घटता है।
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